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प्राण माइझ बंशावलीके पृष्ठभूमी

 थारु जाइतमे बहौत बंश सबमे माइझ बंश एकटा सागर जखा बृहत रुपमे छै या परिचित भ्याल छै । यी माइझ बंशके सन्तती नेपालके छ जिल्ला सिरहा ,सप्तरी ,उदयपुर ,सुनसरी ,मोरङ्ग और झापामे उल्लेखनीय रुपमे व्यवस्थितताके साथ बसोबास करने छै।ऐ हेतु माइझ बंशके सन्तती सबमे जान पहचान ,एकता ,गाढा सम्बन्ध या भाइचारा बढाइके लेल मिति २०५३ साल कार्तिक २२/२३ गते सप्तरी जिल्लाके जण्डोल गाममे स्व छेङ्गल चौधरीके सभापतित्वमे श्री तेतरु चौधरीके सल्लाह या पहलकदमीमे प्रथम दियादी सम्मेलन भ्यााल रहै ।ऐ सम्मेलनके निर्णय अनुसार मिति २०५५/०७/६ गते श्री तेतरु चौधरीके सभापतित्वमे दोसर राष्ट्रिय सम्मेलन उदयपुर जिल्लाकेे हडियामे भ्याल रहै ।ऐ सम्मेलनमे सम्पादक डाक्टर श्री सत्यनारायण चौधरीके प्रयासमे बंशावली(गोष्टी) किताव बन्याल गेलै ।तेकर बाद मिति २०५७/०७/०७ गते श्री नरसिंह चौधरीके अध्यक्षतामे तेसर दियादी सम्मेलन सिरहा जिल्लाके कट्टीटोलमे सम्पन्न भेलै ।ऐ सम्मेलनमे गोष्टी कितावमे परिमार्जन क्याके बेटी बहैन या घरवालीके नाम सेहो समावेश क्याल गेलै और दियादी उत्थान कोष सोहो खडा क्याल गेलै । तेकर बाद मिति २०५९/०७/१४ गते श्री रामगुलाम चौधरीके अध्यक्षतामे प्रमुख अतिथि सर्वश्रेष्ठ पुस्ताके श्री देवनारायण चौधरीके उपस्थिति पर सप्तरी जिल्लाके सखुवा गाममे चारिम सम्मेलन समपन्न भ्याल रहै । ऐ सम्मेलनमे मूल समितिके राष्ट्रिय सभापति श्री तेतरु चौधरी या महिला समितिके अध्यक्ष श्री रुकमादेवी चौधरी सर्वसम्मतिसे चयन क्याल गेलै ।एकर बाद मिति २०६१/०७/०९ गते श्री रविलाल चौधरीके अध्यक्षतामे प्रमुख अतिथि गजराज बंशके श्री विष्णुदेव चौधरीके उपस्थिति पर पाँचमा सम्मेलन उदयपुर जिल्लाके बलही गाममे सम्पन्न भ्याल रहै ।ऐ सम्मेलनके तथ्याङ्क मुताविक ऐ बंशमे जम्मा १०२ घरधुरी और स्थाइ १३टा या अस्थाइ १३टा कर्मचारी छै।

                                                            धन्यवाद

                                                                                     प्राण माइझ परिवार

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